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ग्राउंड रिपोर्ट मंदिर श्री दाऊ जी महाराज किला परिक्षेत्र में पुरातत्व विभाग नहीं करा पा रहा विकास कार्य ,वर्षों बाद भी नहीं हो पाया है सौन्द्रीकरण किला क्षेत्र ज्यों कि त्यों
Hathras Date : 08-07-2023 05:34:45हाथरस। मंदिर श्री दाऊ जी महाराज किला हाथरस परिक्षेत्र को पुरातत्व विभाग द्वारा अपनी कस्टडी में तो ले लिया गया है। लेकिन सौन्दर्यी करण के नाम पर वर्षों बाद भी हाथरस के प्रसिद्ध मंदिर श्री दाऊ जी महाराज किला हाथरस के साथ सौतेला व्यवहार अपनाया जा रहा है। पुरातत्व विभाग द्वारा अभी तक ऐसा कोई कार्य दिखाई नहीं देता जिससे यह लगे कि पुरातत्व विभाग सौन्दर्यीकरण करा रहा है। अब तक जो भी कार्य हुए है वह विधायक निधि आदि से तो पैसा लगाया गया है जैसे कि पूर्व उत्तर प्रदेश के ऊर्जा मंत्री रामवीर उपाध्याय द्वारा, काका हाथरसी व निर्भय हाथरसी कवियों के नाम पर मंच बनवाई गई। वहीं स्टैडियम जैसी सीढियां बनवाई गई जहां लाखों आदमी आसानी से बैठकर मेले में होने वाले कार्यक्रमों का आनन्द ले पाता है। पुरातत्व विभाग द्वारा तो दयाराम के इस किले परिक्षेत्र की झील को भी साफ नहीं कराया है। बल्कि मंदिर श्री दाऊ जी महाराज किला परिक्षेत्र की संपत्ति पर अनाधिकृत कब्जे होने लगे है। इन कब्जों से यह स्पष्ट होता है कि पुरातत्व विभाग ने केवल और केवल खाना पूर्ति करना शुरू किया है। पुरातत्व विभाग द्वारा अवैध कब्जा करने वालों को नोटिश तक जारी नहीं किये गए है। जब नोटिश ही जारी नहीं किये गए है तो उक्त विभाग कार्यवाही क्या करेगा। जहां अस्थाई कब्जे हो रहे हैं वह तो बात अलग है लेकिन स्थाई रूप से मकान बना बनाकर लोग कारोबार तक कर रहे हैं लेकिन पुरातत्व विभाग को अपने कस्टडी में आए दयाराम के इस किला परिक्षेत्र का दौरा व देखरेख तक नहीं की जा रही है।यदि यह नोटिश किसी को दिया गया है तो वह है एक व्यक्ति जो मंदिर पर चैकीदारी का कार्य करता चला आ रहा है दिनेश गुरू खारदार उन्हें नोटिश देकर चेतवानी दी गई है कि वह अपने इस कमरे को खाली कर दें और यहां से चले जाए अन्यथा आपके खिलाफ पुरातत्व विभाग कानूनी कार्यवाही करेगा। एक गरीब पण्डित जो वर्षों से मंदिर की चैकीदार करता चला आ रहा है उसे तो आसानी से नोटिश दे दिया गया लेकिन जो दंबग लोग है उनकी तरफ जाने के लिए विभाग के लोग पहले फोर्स मंागते हैं। क्या पुरातत्व विभाग अपने जिम्मेदारियों को निभा पाएगा और हाथरस के इस ऐतिहासिक मंदिर किला परिक्षेत्र की रक्षा कर सकेगा? ऐतिहासिक मंदिर व किला परिक्षेत्र पर हर वर्ष लक्खी मेला लगता है। लक्खी मेले में भारत केसरी लेविल के दंगल होते है। अखिल भारतीय स्तर के कवि सम्मेलन होते है तथा लोकप्रथा को कायम रखते हुए रसिया व स्वांग के कार्यक्रमों के साथ साथ उच्च कोटि के भजना गायकों द्वारा भजना संध्या के कार्यक्रम होते है जिसकी वजह से समुचे हिन्दुस्तान में हाथरस की ख्याती फैलती है। इसलिए इस ऐतिहासिक किला दयाराम परिक्षेत्र पर पुरातत्व विभाग को विकाय कार्य कराने चाहिए, किले के टीलों को हरियाली से भर देना चाहिए, मंदिर के पीछे जलभराब को सुन्दर झील बनाकर चार चांद लगाने चाहिए। जिससे देश के कोने कोने का आदमी व जनता हाथरस के मेले और दयाराम के किले को देखने आए।
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