Breaking News
मेला श्री दाऊजी महाराज की तैयारियो का डीएम व एसपी ने लिया जायजा :
  • Breaking कासगंज- होली पर्व पर गांव गांव में चले कच्ची शराब के जाम: कच्ची और गैर प्रांत की शराब पीने से लोगों को हुई पलटियां,

    उत्तर प्रदेश Date : 09-03-2023 04:20:39
    कासगंज। उत्तर प्रदेश सरकार कच्ची शराब पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाने के कटिबद्ध हैं, लेकिन प्रदेश के जनपद कासगंज जिले भर में पुलिस आबकारी विभाग की अनदेखी के चलते गांव गांव कच्ची ही शराब ही नहीं बेची जा रही है, बल्कि गैर प्रांत की शराब भी गांव गांव सरकारी ठेका की तरह खुलेआम बिक्री की जा रही है। आबकारी विभाग जान बूझकर कर अनजान बर्बाद की या बड़े हादसे के इंतजार में है।
    आपको बता दें कि होली के पर्व पर सरकारी ठेका बंद होने की वजह से  सबसे ज्यादा कच्ची शराब और गैर प्रांत की शराब की खपत होती है, इसको लेकर गांव गांव में शराब माफियाओ ने स्टाक कर लिया था, होली बाले दिन इसकी जमकर बिक्री हुई। शराब पीकर लोगों ने जहां कपड़ा फाड़ होली खेली, तो वहीं छुटपुट मारपीट जैसी घटनाएं भी सामने आई, हालांकि पूर्व के होली के त्योहारों पर आबकारी विभाग और पुलिस की संयुक्त शराब के ठिकानों पर छापा मारकर ताबड़तोड़ कार्रवाई होती थी, लेकिन इस बार आबकारी विभाग की अनदेखी हीलाहवाली के चलते शराब माफियाओं ने जमकर फायदा उठाया और लोगों के जीवन से जमकर  खिलवाड़ की।
     कच्ची शराब पीने से हो चुके हैं बड़े हादसे 
    कासगंज। विदित हो कि   वर्षो पूर्व सदर विधायक देवेंद्र सिंह राजपूत के गांव नगला भंडारी में भागवत कथा के समापन पर आयोजित हुए भंडारे में कच्ची शराब का सेवन हुआ था। उस समय भी तीन चार लोगों की मौत हुई थी, इसके बावजूद भी आबकारी विभाग कोई कार्रवाई नहीं करता।
     कार्रवाई के नाम पर विभाग की खानापूर्ति 
    कासगंज। आबकारी विभाग कासगंज की बात करें विभाग की कार्रवाई मात्र गुन्डों का राम राम शरीफों को काम तमाम की तर्ज पर करता है, कच्ची शराब के बड़े ठिकानों पर कोई कार्रवाई नहीं करता, जिसका जीता जागता उदाहरण होली के दिन देखने को मिला। लोगों ने जमकर कच्ची शराब का सेवन किया और जमकर हुड़दंग मचाया।

     ऐसे बनती है कच्ची शराब 

    कासगंज।पिछले कई वर्ष से  कच्ची शराब बनाने वालों ने नाम न छापने की शर्त पर  बताया कि एक लीटर शराब को बनाने में सड़ा-गला गुड़, शीरा, नौसादर, यूरिया, धतूरे के बीज, आक्सीटोसिन इंजेक्शन और यीस्ट को आपस मे मिलाया जाता है। शराब के कारोबारियों ने भी कहा कि जब ग्राहक नशा कम होने की बात करते हैं तब मिश्रण में कुछ तत्वों जैसे नौसादर, धतूरे के बीज और आक्सीटोसिन (वो इंजेक्शन जो गाय-भैंस का दूध उतारने के लिए दिया जाता है) की मात्रा बढ़ा दी जाती है। एक शराब बनाने वाले ने मौत की वजह पूछने पर बताया,  "जब तक ये तत्व एक निश्चित मात्रा में रहते हैं नशा बढ़ता है लेकिन कई बार कोई तत्व ज्यादा हो जाता है, तो शराब जहरीली हो जाती है। इसके सेवन से जान जाती है।
     इन गांव में बड़े पैमाने पर तैयार होती है कच्ची शराब 
    कासगंज के नोगमां हिम्मतपुर सई, दौली नगला, गुरहना, खैरपुर, कुमरौआ, महावर,  गढ़ी पंचगई, हीरानगला, भैंसोरा, धीमर नगला सहित बड़ी संख्या में पटियाली तहसील क्षेत्र कटरी इलाके में शराब तैयार की जाती है।
  • नवीनतम समाचार
  • Breaking News ऑनलाइन शाॅपिंग के ट्रैंड से फीका पड़ा बाजार

  • Breaking यूपी पुलिस भर्ती की आयु सीमा में 3 साल की छूट: हाथरस समेत कई जिलों में युवाओं ने किया था प्रदर्शन