हाथरस। बदलते मौसम के साथ वायरल बुखार ने पैर पसारना शुरू कर दिया है, वहीं स्वास्थ्य विभाग के आला अधिकारियों ने जानकारी दी है कि एच-3 एन-2 इन्फ्लूएंजा नामक वायरस से घातक परिणाम सामने आ रहे हैं। उत्तर प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री द्वारा उक्त वायरस को लेकर पूरी तरह सतर्कता बरतने की अपील करते हुए स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को विशेष र्निदेष देते हुए प्रत्येक जिला स्तर पर स्पेशल वार्ड बनवाये गये हैं, जिनमें अधिक प्रभावी मरीज व कम प्रभावी मरीजों को अलग-अलग रखकर उपचार कराया जायेगा। इसी क्रम में हाथरस में भी जिला चिकित्सालय में अलग-अलग चार वार्ड बनाये गये हैं तथा परिक्षण करने के बाद उपचार कराया जा रहा है इस वायरस से लगातार बुखार व गले पर प्रभाव पड़ता है समय रहते उपचार न मिले तो यह जानलेवा भी बन जाता है। उक्त वायरस के संबंध में यदि हम आयुर्वेद आचार्यों की मानें तो यह बदलते मौसम का प्रकोप है। हर बार बदलते मौसम में यह वायरस पनपते हैं। तथा स्वतः समाप्त होते हैं। इसलिए हमारे आयुर्वेद ने नीम गिलोय का काढ़ा रामबाण औषधि है। इसे लेने से बदलते मौसम में पनपने वाले वायरसों के लिए उचित व लाभकारी हो सकता है।