हाथरस। घण्टाघर स्थित गोविंद भगवान मंदिर प्रत्येक वर्ष सर्व समिति एवं वाष्र्णेय समाज के लोगों द्वारा चुनाव करके अध्यक्ष बनाया जाता है विषम परिस्थितियों में समिति अघ्यक्ष घोषित कर देती है लेकिन इस वर्ष एक अनोखा स्वयं भू चुनाव देखने को मिला जिसे देखकर लोग भौंचक्के रह गये हैं। परसों से लगातार अध्यक्ष पद की लालसा रखने वाले वाष्र्णेय समाज के कवि हरिनाम दास सांचा ने चुनाव से पूर्व ही अपने आपको गोविंद भगवान मंदिर का अध्यक्ष घोषित कर डाला तथा अध्यक्ष बनने के बाद पोस्टर बैनरों पर भी हरिनाम दास सांचा अध्यक्ष चुने गये नाम के प्रदर्शित किये गये क्या खूब हुआ चुनाव वोटिंग हुई नहीं समिति ने चुना नहीं मनोनीत पद्धति ने चुना नहीं और स्वयं ही बन बैठे अध्यक्ष क्या यह पहल सामाजिक संगठन को दाग दाग नहीं करती हमारी राजपथ समाचार पत्र की टीम ने गोविंद भगवान मंदिर समिति के संरक्षक राजीव वाष्र्णेय से मुलाकात की तो उन्होंने बताया कि हरिनाम दासा संाचा का चुनाव अवैध व निराधार है असल चुनाव 02 अप्रैल को होगा। जिसमें परंपरागत रूप से चुने गये अध्यक्ष को मंदिर अध्यक्ष की बागडोर सौंपी जायेगी।