हाथरस। होलिका दहन को लेकर हाथरस के विद्वानों के अलग-अलग मत निकलकर सामने आए है। कुद विद्वानों का कहना है कि 6 मार्च को 4 बजे तक पूजा का महत्व है। 4 बजे बाद भद्रा लग जाने की वजह से पूजा का महत्व उचित नहीं है। वहीं कुछ विद्वानों का कहना है कि होलिका दहन पूजन चैदस का होना उचित नहीं है। इसलिए 7 मार्च को ही प्रातःकाल पूजा होनी चाहिए तथा पूजा के साथ ही कुछ अन्तराल बाद ही होलिका दहन हो जाना चाहिए। विद्वानों के अलग-अलग मत से जनता में असंमजस की स्थिति बनी हुई है। गुगल के मुताबिक होलिका दहन 7 मार्च को पूजा के साथ बताई गई है। दुनियाभर में स्थान बना चुके गुगल की बातों पर जनमत अधिक है और अधिकांश लोग 7 मार्च को ही पूजा व होलिका दहन करेंगे। फाल्गुन पूर्णिमा तिथि का समाप्ति 07 मार्च 2023 दिन मंगलवार समय संध्या 06 बजकर 09 मिनट तक। पञ्चांग के अनुसार होलिका दहन 07 मार्च 2023 को होलिका दहन करें। 6 मार्च 2023 दिन सोमवार समय रात्रि 12 बजकर 23 मिनट से 01 बजकर 35 मिनट तक होलिका दहन किया जाएगा। परंपरा अनुसार काशी में होली 07 मार्च 2023 को मनाया जायेगा।