हाथरस। जनपद के महिला चिकित्सालय में लंबे समय से शासन की योजना की फाइल धूल फांक रही है शासन द्वारा नवजात शिशुओं के लिए मदर्स मिल्क बैंक की योजना प्रत्येक जनपद के लिए लागू की गई थी अधिकांश जनपदों में इस योजना का अधिकारियों की सूझबूझ से फायदा उठा लिया गया तथा शिशुआंे को मां के दूध जैसे दूध की आपूर्ति हो पा रही है लेकिन जनपद हाथरस में महिला चिकित्सालय की हैड आफ डिपार्टमेंट कुम्भकर्णीय नींद सो रही हैं। शासन की योजनाओं को कायदे से क्रियान्वयन तक नहीं किया जा रहा है। काफी लंबे क्षेत्र में महिला चिकित्सालय जिला चिकित्सालय व छः चिकित्सालय चल रहा है वहीं सीएम ओ द्वारा सुरक्षा के दृष्टिगत पुलिस चैकी भी बना दी गई है। पुलिस चैकी के लिए जगह है दवा विक्रेताओं के लिए जगह है, साइकिल स्टण्ड वालों के लिए जगह है लेकिन शिशुओं के लिए मदर्स मिल्क बैंक के लिए जगह नहीं है। यदि पहली मंजिल पर जगह की कमी है तो दूसरी मंजिल पर आसानी से मदर्स मिल्क बैंक बनाई जा सकती है लेकिन सत्य और सच बहुत कड़वा होता है इस बात को स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी अच्छी तरह जानते हैं लेकिन इसे क्रियान्वयन कराना अपनी जिम्मेदारी नहीं समझते काश यह बैंक चालू हो जाए तो उन नौनिहालों को दूध तो मिल सके जिन्हें किन्हीं कारणों से मां के अधूरे पोशण की वजह से दूध नहीं मिल पा रहा है। मां के निधन होने पर नौनिहालों को पोषण हेतु दूध नहीं मिल पाता कम से कम उन शिशुओं को इस योजना का लाभ तो मिलता बड़े शर्म की बात है कि इस मदर्स मिल्क बैंक के लिए दस पांच कमरे की जरूरत नहीं पड़ेगी बल्कि एक कमरे में ही संचालित हो सकती है। जिलाधिकारी महोदया से मांग है कि इस ओर गंभीरता से ध्यान देकर नौ निहालों के मदर्स मिल्क बैंक की व्यवस्था करायें।