हाथरस। नगर में घूमने वाले कबाड़ बीनने वालों ने दिन में व रात्रि को कबाड़ बीनने की आड़ में चोरी जैसी घटनाओं को अंजाम देना शुरू कर दिया है दिन में कबाड़ बीनने की आड़ में यह आसानी से पता लगा लेते हैं जो लोग घर का ताला लगाकर बाहर चले जाते हैं उन घरों में यह लोग ताला तोड़कर खिड़की तोड़कर चोरी की घटना को अंजाम दे देते हैं यदि किसी तरह से इन्हें जनता पकड़ ले और पुलिस के हवाले कर दे तो पुलिस वाले भी इनके खिलाफ कार्यवाही इसलिए नहीं करते हैं कि यह लोग नशे के आदि होते हैं सस्ता नशा करने वाले यह लोग वाइटनर जो कि 20-25 रू तक की शीसी आती है और उसे सूंघने से ही नशा हो जाता है। दूसरा छिपकली पाऊडर उसे चुटकी भर इस्तेमाल करने से ही नशा हो जाता है तीसरा परचुन की दुकानों पर मैंगों नामक चूर्ण से भी नशा हो जाता है वहीं 05 रू का चूर्ण भी नशा पूर्ति कर देता है, वहीं कैमिस्टों की दुकान पर मिलने वाला नशे का इंजैक्शन से भी नशापूर्ति करते हैं। पेट के लिए बनाई गई कुट्टू दवा को भी यह लोग नशे में खूब इस्तेमाल कर रहे हैंे। जब चोर के रूप में यह लोग पहुचते हैं तो थानेदार भी यह सोचकर छोड़ देता है कि इनकी नशा पूर्ति कैसे होगी और उसके लिए उनके पास कोई बजट नहीं होता। इसी बात का फायदा उठाकर यह छोटे-छोटे चिंदी चोर आसानी से अपने इस चोरी के व उठाई गिरी के काम में लगे रहते हैं कभी पकड़ जाने पर यह अच्छा खासा ड्रामा खड़ा कर देते हैं इस ओर पुलिस प्रशासन को नशा बिक्री करने वालों के खिलाफ कठोर कार्यवाही करनी चाहिए। जैसा कि मैंगो छाप चूर्ण बेचने वाले, व नशे के इंजैक्शन बेचने वाले कैमिस्ट या मैडिकल स्टोर के अलावा छिपकली पाउडर बेचने वाले तथा वाइटनर को अवैध रूप से बेचने वाले लोगों के खिलाफ जांच कराकर कठोर कार्यवाही करनी चाहिए।