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ग्राउंड रिपोर्ट जनपद में लेवर की पीड़ा समझने वाला कोई नहींः सरकारी कार्य कर रहे लेवर इंस्पेक्टर अपनी जिम्मेदारियों से बचकर फैक्ट्री स्वामियों के लिए कर रहे हैं कार्य
Hathras Date : 08-08-2023 04:39:31हाथरस। आप माने या न माने लेकिन यह 100 प्रतिशत सत्य हैं। हाथरस के लेबर इंस्पेक्टर ने जब से यहां कार्यभार ग्रहण किया है तब से ही वह अपने आप को एक श्रमायुक्त से कम नहीं समझते, उन्होंने शहर में लगभग सभी फैक्ट्रियों के स्वामियों को श्रमिकों का खुलकर शोषण करने तथा उनसे एक गधे की तरह कार्य कराने की खुली छूट दे रखी है, लेकिन श्रम निरीक्षक ने कभी यह नहीं पूछा कि इनको इस कार्य के बदले कितना रुपया मिल जाता है। इसके अलावा फैक्ट्री के प्रबंधक श्रमिकों की क्या सहायता करते हैं इस तरफ तो उन्होंने कभी कतई ध्यान ही नहीं दिया, जबकि कुछ श्रमिकों का कहना है कि श्रम निरीक्षक फैक्ट्रियों में अपनी महीना दारी की मोटी रकम को लेकर एक भीगी बिल्ली की तरह फैक्ट्री से चुपचाप निकल जाते हैं। बताया जाता है कि श्रम निरीक्षक ने भ्रष्टाचार के अब तक के सभी रिकॉर्ड ध्वस्त कर दिए हैं, उनकी एक दो फैक्ट्रियों से तो इतनी सांठगांठ है कि वह हर समय इन फैक्ट्रियों का फेवर तथा आय दिन उस फैक्ट्री में चक्कर लगाते है और जो उस फैक्ट्री के शिकायतकर्ता मिलते हैं उन्हें समझाए जाने का भी काम करते हैं और मोटी रकम डकार कर खामोश हो जाते हैं और फैक्ट्री मालिक की तरफ बिल्कुल भी नहीं देखते तथा न ही कोई कार्रवाई करते। इसके अतिरिक्त विशेष सूत्रों से पता चला है कि यदि कोई श्रमिक के साथ किसी फैक्ट्री में हो रहे उत्पीड़न व शोषण के खिलाफ आवाज उठाता है या कोई कार्यवाई करता है तो खुद लेवर इंस्पेक्टर अपने वरिष्ठ कनिष्ठ लिपिको को भेजकर उस फैक्ट्री के अंदर तथा स्वामी के पास पहुंचकर उसे अवगत कराते हैं या फिर फोन के द्वारा उसे बुलाकर श्रमिक द्वारा की जा रही कार्यवाई के कागजातों को दिखा देते हैं। सूत्रों का कहना है कि हाथरस का लेबर इंस्पेक्टर यह कहता है कि मैं श्रम आयुक्त का खास आदमी हूं मेरा कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता क्योंकि में चैथ वसूली का एक मोटा हिस्सा ऊपर पहुंचाता हूं। श्रम निरीक्षक की इस करतूत से शहर के श्रमिकों में भारी आक्रोश व्याप्त है।
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