हाथरस। नगरपालिका हाथरस की संपत्तीयों पर भू-माफिया व दबंगों का मकड़जाल लगातार बढ़ता जा रहा है पिछले दिनों घण्टाघर स्थित एक प्याऊ को नगरपालिका ने नोटिस देकर एक सप्ताह के अंदर अपने सुपुर्दगी में ले ली थी। बताते हैं कि पूर्व में 1948 के आसपास घण्टाघर की स्थापना के साथ एक पुरानी प्याऊ को घण्टाघर से स्थंातरित कर निकट में ही एक स्थान पर दोंनांे ओर गेट वाली एक प्याऊ बनवाकर नगरपालिका द्वारा प्याऊ के मालिक राम रतन षीरा वालों को सुपुर्द कर दी थी। बकायदा उक्त प्याऊ की लेखे जोखे में लिखापड़ी हो रही थी। लेकिन नगरपालिका व अन्य सरकारी संपत्ती जो कि धमार्थ स्थल को दी गई हो या किराये पर दी गई हो या पटटे आदि पर दी गई हो वह सम्पतती निजि कार्य के लिए वापस की जा सकती है। इसी के तहत वह प्याऊ नगरपालिका ने वापस ले ली थी तथा पेन्टर द्वारा प्याऊ पर यह लिखवा दिया गया था कि यह सम्पत्ती नगरपालिका हाथरस की है। नगरपालिका हाथरस ने सम्पत्ती वापस की वहां तक तो बात कहीं तक सोचने वाली थी लेकिन उक्त संम्पत्ती पर दंबंगों द्वारा कब्जा करने या लेने की बात पर आसपास क्षेत्र के लोगों में चर्चा का विषय बना हुआ है। दबंग द्वारा आसपास क्षेत्र के कई लोगों को धमकी भी दी गई हैं जिसकी वजह से डरे और सहमे लोग कुछ भी कहने से कतराने लगे हैं। दबंग व्यक्ति खुलेआम कहता है बडे-बड़े अधिकारियों को फल पहुचाता हूं मेरा कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता यदि किसी ने मेरी शिकायत की तो उसका क्या अंजाम होगा यह वक्त बतायेगा। क्या खूब नीति है नगरपालिका हाथरस की जो वर्षों से तथाकथित स्थान पर प्याऊ से सेवा कर रहे थे उनको उस सेवा से वंछित कर दिया गया तथा नगरपालिका ने अपने कब्जे में ले लिया और आज दबंगों ने उसे अपने कब्जे में ले रखा है।