हाथरस जंक्शन। कैलोरा चैराहा-बरवाना मार्ग की स्थिति आज सुबह-सुबह बरसात होने के वजह से और ज्यादा गम्भीर हो गयी। राहगीरों का निकलना पहले ही मुश्किल बना हुआ था। बाकी कसर आज सुबह हुई बारिस ने पूरी कर दी। कुछ दिनों पहले ग्रामीणों के द्वारा किये गये आमरण अनशन और आन्दोलन के एवज में प्रशासन ने इस रोड़ का निर्माण कार्य तो ठीक नहीं कराया कुछ जगह पुलिया के नाम पर सड़क खुदवाकर सीमेंट के पाइप जरूर डलवा दीये गये। इसी के चलते आज कैलोरा चैराहा -बरवाना मार्ग पर सासनी की ओर से महौ की तरफ जा रहा सीमेंट से भरा ट्रैक्टर ट्रोला गाँव बरामई के निकट डाली गयी पुलिया के ऊपर से जैसे ही गुजरा तभी पुलिया धंस जाने के कारण ट्रोला के पहिये पुलिया में फँस गए, ट्रैक्टर चालक ने ट्रैक्टर को निकालने की बहुत कोशिश की लेकिन असफल रहा। देखते ही देखते स्थान पर जाम की स्थिति पैदा हो गई। जाम लग जाने के कारण आसपास के खेतों में काम कर रहे लोग भी एकत्रित हो गए। वहां एकत्रित हुए लोगों ने छोटे वाहनों का आवागमन फंसे हुए ट्रैक्टर के एक तरफ से सुचारू कराया। बाकी के वाहन घण्टों रोड़ पर ही खड़े रहे। कई घन्टों की मसक्कत के बाद जेसीबी की मदद से फंसे हुए ट्रैक्टर को निकाला गया। बड़े वाहनों में एक हार्वेस्टर (कम्पाइन मशीन) भी कई घन्टों तक वहीं फसी रही जिसके कारण मक्का और बाजरा वाले कई किसान आ गये। उनका कहना था ,बारिश की वजह से हमारी फसल वैसे भी खराब हो चुकी है, आज हमारा नंबर आया था सुबह से हम मशीन का खेत पर इंतजार कर रहे थे मगर अब तक वहाँ ना पहुचने (मशीन) के कारण हमें यहाँ आना पड़ा। अब अगर बारिस हो जाती है तो हमारी बची हुई फसल भी बेकार हो जायेगी। वहां मौजूद लोगों का कहना है कि इस रोड़ पर इस तरह के हादसा आये दिन होते रहते हैं,पता नहीं प्रशासन इस तरफ से आँखे बंद करके क्यों बैठा हुआ है।